दीप प्रज्वलन मंत्र शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् हिन्दी में पढ़ें यह दीप प्रज्वलन का मंत्र है। दीप प्रकाश का द्योतक है, तो प्रकाश ज्ञान का।
परमात्मा से हमें संपूर्ण ज्ञान मिले इसीलिए दीप प्रज्वलन करने की परंपरा है। कोई भी पूजा हो या किसी समारोह का शुभारंभ। समस्त शुभ कार्यों का आरंभ दीप प्रज्वलन से होता है।
हर घर में सुबह और शाम के समय दीपक जलाया जाता है. कहते हैं कि दीपक सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है. और घर में दीप जलाने से घर में नकारात्मक शक्तियां नहीं रहती. दीपक की ऊपर उठती हुई लौ हमेशा उन्नती और प्रगति का प्रतीक है. जिस तरह दीपक अंधकार को हटाने का काम करता है उसी प्रकार भगवान के आगे दीपक जलाने से जीवन का अंधकार मिटता है. जीवन से नकारात्मकता, दरिद्रता, रोग, कष्ट, पाप आदि का भी नाश होता है. दीपक जलाने से इन सभी चीजों से मुक्ति मिलती है और जीवन में हर कार्य में सफलता मिलती है.
हिंदू धर्म में हर मांगलिक कार्य के लिए मंत्र है. कोई भी शुभ कार्य करने के दौरान इन मंत्रों का उच्चारण किया जाता है. उसी प्रकार शाम के समय घर पर दीपक जलाते समय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में कल्याण होगा और लाभ मिलेगा.
दीपक जलाने का मंत्र
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा ।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते ॥
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन: ।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते ॥
जो शुभ करता है, कल्याण करता है, आरोग्य रखता है, धन संपदा देता है और शत्रु बुद्धि का विनाश करता है, ऐसे दीप की रोशनी को मैं नमन करता हूँ॥
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