धन्वंतरी स्तोत्र और धन्वंतरि जी की आरती

Raj K
धन्वंतरी स्तोत्र और धन्वंतरि जी की आरती

धन्वंतरी स्तोत्र और धन्वंतरि जी की आरती

धन्वंतरि जी हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता माने जाते हैं, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार और आरोग्य का देवता कहा गया है। उनकी उपासना से आरोग्य, दीर्घायु और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करने से न केवल बीमारियों से मुक्ति मिलती है, बल्कि यह धन, समृद्धि और सुख की प्राप्ति में भी सहायक होता है। विशेष रूप से धनतेरस के दिन धन्वंतरि जी की आरती और स्तोत्र का पाठ करने से घर में आरोग्य और सुख-समृद्धि का निवास होता है।

धन्वंतरि स्तोत्र

धन्वंतरि स्तोत्र को नियमित रूप से श्रद्धा के साथ पाठ करने से स्वास्थ्य और धन लाभ की प्राप्ति होती है। यह स्तोत्र इस प्रकार है:

ॐ नमो भगवते महा सुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतरये,
अमृतकलश हस्ताय सर्व भय विनाशाय सर्व रोग निवारणाय,
त्रिलोक पथाय त्रिलोक नाथाय श्री महाविष्णु स्वरूपाय श्री धन्वंतरि स्वरूपाय श्री श्री श्री औषध चक्र नारायणाय नमः॥

इस स्तोत्र में भगवान धन्वंतरि का आह्वान किया जाता है और उनसे सभी प्रकार के रोगों, कष्टों एवं भय से मुक्ति की कामना की जाती है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो शारीरिक, मानसिक या आर्थिक समस्याओं से पीड़ित हैं।

धन्वंतरी स्तोत्र और धन्वंतरि जी की आरती
धन्वंतरी स्तोत्र और धन्वंतरि जी की आरती

धन्वंतरि जी की आरती

आरोग्य के साथ-साथ धनलाभ के लिए भगवान धन्वंतरि की आरती की जाती है। यह आरती स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख की प्राप्ति में भी सहायक मानी जाती है।

आरती धन्वंतरि जी की कीजै, रोग दोष दूर भागे सब ही द्वार से।
नमो भगवते धन्वंतरि महात्मे, संकट मिटावे दुःख दूर करावे।

ॐ जय धन्वंतरि देव, आरोग्य के देव।
दुख दर्द हर लो, आरोग्य के देव।।
तुम्हारी कृपा से, तन मन स्वस्थ रहे।
रोग दोष भागे, प्रभु तुमसे सच्चे।। 

इस आरती का पाठ धनतेरस, पूजा के समय या किसी विशेष अनुष्ठान के दौरान करने से मन को शांति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

धन्वंतरि स्तोत्र और आरती का महत्व

धन्वंतरि जी का ध्यान और स्तुति करना आरोग्य, धन, और जीवन में शांति प्राप्त करने का श्रेष्ठ मार्ग माना गया है। इनकी आराधना से जीवन में सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक रोग समाप्त होते हैं और मनुष्य को उत्तम स्वास्थ्य का वरदान प्राप्त होता है।

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