भगवान शनि का पूजन और उनके क्रोध को शांत करने के उपाय : इस लेख में जानें भगवान शनि का पूजन कैसे करें और उनके क्रोध को शांत करने के प्रभावी उपायों के बारे में विस्तार से। जानें तंत्र-मंत्र, पूजा विधियाँ और दैनिक जीवन में शांति लाने के उपाय।
परिचय
भगवान शनि, जिसे शनि देव के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय पौराणिक कथाओं में एक अत्यंत महत्वपूर्ण देवता माने जाते हैं। उन्हें न्याय के देवता के रूप में माना जाता है, जो हमें हमारे कर्मों का फल देते हैं। हिन्दू धर्म में शनि ग्रह का विशेष स्थान है और इसे व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयों और चुनौतियों का प्रतीक माना जाता है। शनि का क्रोध बहुत ही भयंकर होता है, लेकिन सही पूजा और उपायों के माध्यम से इसे शांत किया जा सकता है। इस लेख में, हम “भगवान शनि का पूजन और उनके क्रोध को शांत करने के उपाय” पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
भगवान शनि का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्याय का देवता कहा जाता है. सूर्य देव के पुत्र शनि देव कर्मों के फलदाता माने जाते हैं, उनकी पूजा से जीवन की सारी बाधाएं और कष्ट दूर हो जाते हैं। शनि देव की पूजा से शुभ कर्मों का फल प्राप्त होता है और बुरे कर्मों के दुष्प्रभाव कम होते हैं।
भगवान शनि का महत्व सिर्फ एक ग्रह या तारे के रूप में नहीं है, बल्कि वे व्यक्ति के जीवन में न्याय, घटना और दशा के प्रतीक हैं। आइए, देखते हैं शनि देव का महत्व क्या है:
- न्याय के देवता: शनि देव हमारे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। उनका आशीर्वाद पाने के लिए अच्छे कर्म करना आवश्यक है।
- कष्टों का निवारण: जब व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती या ढैया आती है, तो उसे अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शनि पूजा और उपाय विशेष रूप से लाभदायक होते हैं।
- कर्तव्य का अनुसरण: शनि हमें हमारे कर्तव्यों का पालन करने का संदेश देते हैं और हमें सिखाते हैं कि हमें अपने कर्मों के प्रति सजग रहना चाहिए।
भगवान शनि की पूजा कैसे करें
यदि किसी कारणवश आप शनिदेव महाराज के मंदिर व पीपल के पास नहीं जा पा रहे हैं, तो आप शनिदेव की अराधना इस प्रकार घर पर कर सकते हैं। सर्वप्रथम सुबह स्नान कर निवृत्त हो जाएं। अब स्वच्छ काले रंग का वस्त्र धारंण करें. घर के मंदिर में तेल का दीपक जलाएं और गणेश जी के पूजन से पूजा प्रारंभ करें. भगवान शिव औऱ हनुमान जी को फल और फूल चढ़ाएं। पूजा के अंत में 21 बार शनिदेव महाराज के मंत्रों का जाप करें और अंत में कपूर से आरती करें। पूरे दिन उपवास करें और शाम को पूजा दोहराकर पूजा का समापन करें. उपवास के बाद भूलकर भी मांसाहारी भोजन का सेवन ना करें।
भगवान शनि का पूजन विशेष रूप से शनिवार के दिन किया जाता है। इसके लिए कुछ विधियाँ और रिवाज हैं, जिनका पालन करने से शनि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
1. शनिवार का व्रत करें
- हर शनिवार को व्रत रखें। इस दिन केवल काले चनों या किसी विशेष वस्तु का सेवन करें।
- व्रत के दिन शुद्धता का ध्यान रखें और मानसिक रूप से तैयार रहें।
2. शनि मंदिर जाएँ
- अपने नजदीकी शनि मंदिर का दर्शन करें। वहाँ शनिदेव की मूर्ति का पूजन करके उनके आगे सरसों के तेल का दीया जलाएँ।
- मंदिर जाकर चिल्लर या काले तिल का दान करें।
3. काले वस्त्र पहनें
- शनि देव को काले या नीले रंग का बहुत प्रिय माना जाता है। नियमित रूप से काले वस्त्र पहनने से आपको शनिदेव का आशीर्वाद मिलेगा।
4. शनि स्तोत्र का जाप
- शनि देव के मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ शं शनैश्चराय नमः”। इस मंत्र का जाप 108 बार करें। यह मानसिक शांति और शनि के क्रोध को शांत करने में सहायक होता है।
5. तेल का दीपक जलाएँ
- शनिवार के दिन शुद्ध सरसों के तेल का दीपक जलाकर उसकी चारों दिशाओं में रखें। यह उपाय आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगा।
6. शनि यंत्र का प्रयोग
- शनि यंत्र को अपने घर में स्थापित करें और उसका नियमित पूजन करें। इससे आपको शनि के प्रभावों से लाभ मिलेगा।
भगवान शनि के क्रोध को शांत करने के उपाय
रोज हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि देव के गुस्से से बचा जा सकता है। शनि देव की कृपा पाने के लिए चिड़िया, मछली और पशुओं को दाना, पानी या चारा खिला सकते हैं। शनि देव के बुरे प्रभाव से बचने के लिए हर शनिवार के दिन सरसों के तेल के दीपक में काला तिल मिलाकर शनि मंदिर में जलाएं और शनि स्तोत्र का पाठ करें।
शनि देव का क्रोध बहुत ही भयंकर होता है, लेकिन कुछ सरल उपायों के माध्यम से हम इसे शांत कर सकते हैं। यहाँ कुछ कारगर उपाय दिए गए हैं:
1. काले तिल का सेवन
- हर शनिवार को काले तिल का सेवन करें। इसे विशेष रूप से तेल में डालकर अर्पित करना चाहिए।
2. दान करें
- शनि के प्रभाव को कम करने के लिए, जरुरतमंद लोगों को काले चने, काले तिल और सरसों का दान करें। इस दान से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
3. पीपल के पेड़ की पूजा
- पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना और उसकी पूजा करना शनि देव को प्रसन्न करने का अच्छा उपाय है। आप शनिवार के दिन इसे करें।
4. भगवान हनुमान की पूजा
- हनुमान जी को संकटमोचन माना जाता है। उनकी पूजा करने से शनि देव का क्रोध शांत होता है।
5. गलतियों से सीखें
- अपने पिछले गलतियों पर ध्यान दें और उनसे सीखें। शनि देव उन लोगों का सम्मान करते हैं जो अपने कर्मों का सुधार करते हैं।
6. सकारात्मक सोच अपनाएँ
- नकारात्मक विचारों को छोड़कर सकारात्मक सोच अपनाएँ। अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें।
शनि आरती
शनि आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥
भगवान शनि का प्रभाव कैसे जानें?
शनि की अशुभ स्थिति होने पर व्यक्ति मांगलिक कार्यों में हिस्सा नहीं लेता है. शनि के दुष्प्रभाव से इन लोगों के सिर हर हमेशा गुस्सा सवार रहता है. शनि दोष के प्रभाव से इन लोगों का कोई भी काम आसानी से नहीं होता है. शनि जब श्राप के रूप में किसी पर सवार होते है तो वे उसकी बुद्धि नष्ट कर देते हैं.
शनि का प्रभाव जानने के लिए आपकी जन्म कुंडली का अध्ययन करना आवश्यक है। आप निम्नलिखित बातों पर ध्यान दे सकते हैं:
- जन्म कुंडली में शनि की स्थिति: शनि आपकी कुंडली में किस घर में हैं, यह जानें। अगर वह पीड़ादायी स्थिति में हैं, तो तुरंत उपाय करें।
- दशा का प्रभाव: शनि की महादशा या अंतर्दशा पर ध्यान दें, क्योंकि यह जीवन में कठिनाईयों का संकेत दे सकती है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. भगवान शनि का प्रिय दिन कौन सा है?
भगवान शनि का प्रिय दिन शनिवार है। इस दिन विशेष पूजा करने से शनि देव की कृपा मिलती है।
2. भगवान शनि को कौन सा रंग पसंद है?
भगवान शनि को काला और नीला रंग बहुत प्रिय है। पूजा में इन रंगों का प्रयोग करना चाहिए।
3. क्या भगवान शनि की पूजा से सभी समस्याएँ हल हो जाती हैं?
भगवान शनि की पूजा और उपाए से निश्चित रूप से समस्याओं में कमी आती है, लेकिन इसके लिए आपको अपने कर्मों का भी ध्यान रखना होगा।
4. क्या शनि की पूजा केवल शनिवार को करनी चाहिए?
हालांकि शनि की पूजा शनिवार को विशेष रूप से की जाती है, लेकिन आप किसी भी दिन पूजा कर सकते हैं।
5. क्या दान करना जरूरी है?
दान करना आपके कर्मों को सुधारता है और शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
निष्कर्ष
भगवान शनि का पूजन और उनके क्रोध को शांत करने के उपाय न केवल हमारे जीवन को सुखद बनाते हैं, बल्कि हमें अच्छे कर्म करने की प्रेरणा भी देते हैं। सही विधियों से की गई पूजा से शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करना संभव है, जो हमें जीवन की कठिनाइयों को पार करने में मदद करता है। जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और उचित कर्म करने से, हम न केवल शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अपने जीवन में संतुलन और शांति भी ला सकते हैं।
आध्यात्मिकता की यह यात्रा हमें सिखाती है कि कर्मों का फल हमारे साथ है, और हमें अपने कर्मों को सुधार कर आगे बढ़ना चाहिए। भगवान शनि का पूजन और उनके क्रोध को शांत करने के उपाय एक साहसिक कोशिश है, जो हमें सही दिशा में ले जाती है।
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