श्री गणेशपञ्चरत्नम् – मुदाकरात्तमोदकं – गणेश पंच रत्न स्तोत्र
मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं
कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम् ।
अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं
नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायकम् ॥१॥
नतेतरातिभीकरं नवोदितार्कभास्वरं
नमत्सुरारिनिर्जरं नताधिकापदुद्धरम् ।
सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरं
महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम् ॥२॥
समस्तलोकशंकरं निरस्तदैत्यकुञ्जरं
दरेतरोदरं वरं वरेभवक्त्रमक्षरम् ।
कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करं
मनस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम् ॥३॥
अकिंचनार्तिमार्जनं चिरन्तनोक्तिभाजनं
पुरारिपूर्वनन्दनं सुरारिगर्वचर्वणम् ।
प्रपञ्चनाशभीषणं धनंजयादिभूषणम्
कपोलदानवारणं भजे पुराणवारणम् ॥४॥
नितान्तकान्तदन्तकान्तिमन्तकान्तकात्मजं
अचिन्त्यरूपमन्तहीनमन्तरायकृन्तनम् ।
हृदन्तरे निरन्तरं वसन्तमेव योगिनां
तमेकदन्तमेव तं विचिन्तयामि सन्ततम् ॥५॥
महागणेशपञ्चरत्नमादरेण योऽन्वहं
प्रजल्पति प्रभातके हृदि स्मरन् गणेश्वरम् ।
अरोगतामदोषतां सुसाहितीं सुपुत्रतां
समाहितायुरष्टभूतिमभ्युपैति सोऽचिरात् ॥६॥
श्री गणेशपञ्चरत्नम् – मुदाकरात्तमोदकं – श्री गणेश पंच रत्न स्तोत्र , धार्मिक मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना गया है और बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। ऐसे में यदि आप बुधवार के दिन भगवान गणेश की आराधना करते हैं तो शुभ फल की प्राप्ति होती है।
भगवान गणेश को कई नामों से संबोधित किया जाता है। उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है क्योंकि वे सभी दुखों को हरण कर लेते हैं। धार्मिक मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही सुख, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। यदि आप भी बुधवार के दिन भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं तो श्री गणेश पंचरत्न स्त्रोत का पाठ जरूर करें.
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