मुंबई 26/11 हमला : एक दर्दनाक अध्याय जो कभी भुलाया नहीं जा सकता
परिचय
26 नवंबर 2008 की रात मुंबई की चमक-दमक वाली सड़कों पर अंधेरा छा गया। दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के इशारे पर, शहर के प्रमुख स्थानों पर एक साथ हमला बोल दिया। यह हमला न केवल भारत का सबसे खतरनाक आतंकी घटना था, बल्कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद की केंद्रीकृत रणनीति का उदाहरण भी। चार दिनों तक चले इस नरसंहार में 166 निर्दोष लोग मारे गए, जिनमें 26 विदेशी नागरिक शामिल थे, और 300 से अधिक घायल हुए। चत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT), ताज महल पैलेस होटल, ओबरॉय ट्राइडेंट होटल, नरीमन हाउस और लियोपोल्ड कैफे जैसे प्रतीकात्मक स्थल खून से सन गए। यह हमला “भारतीय 9/11” के रूप में जाना गया, जिसने न केवल मुंबई को हिलाकर रख दिया, बल्कि पूरे विश्व को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की याद दिला दी।
पृष्ठभूमि
मुंबई, भारत की आर्थिक राजधानी, आतंकवाद का पुराना शिकार रही है। 1993 के बम विस्फोटों में 257 लोग मारे गए थे, जो बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला था। उसके बाद 2002 में BEST बस धमाका (2 मृत), 2003 में विले पार्ले बाइसिकल बम (1 मृत, 25 घायल), मुलुंड ट्रेन बम (10 मृत, 70 घायल), घाटकोपर बस धमाका (4 मृत, 32 घायल), गेटवे ऑफ इंडिया और जावेरी बाजार बम (44 मृत, 150 घायल), और 2006 के ट्रेन बम विस्फोट (209 मृत, 700 घायल) ने शहर को दहला दिया। ये हमले आईएसआई और LeT जैसे पाकिस्तानी संगठनों से जुड़े थे।
26/11 का प्लान मूल रूप से 2006 में बनाया गया था, लेकिन विफल हो गया। LeT प्रमुख हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी ने इसे “फिदायीन” हमले के रूप में डिजाइन किया। अमेरिकी-पाकिस्तानी डेविड हेडली ने 2006-2008 के बीच मुंबई का चक्कर लगाकर टारगेट रिकॉनोइसेंस किया। पाकिस्तानी आर्मी के पूर्व SWAT ऑपरेटर की सलाह पर समुद्री हमले की ट्रेनिंग दी गई।
हमले की विस्तृत समयरेखा
हमले 26 नवंबर 2008 की शाम शुरू हुए और 29 नवंबर तक चले। दस आतंकवादी कराची से भारतीय मछली पकड़ने वाले जहाज “कुबेर” को हाईजैक करके मुंबई पहुंचे।
26 नवंबर 2008
- 20:00 IST: कोलाबा में लैंडिंग।
- 21:30 IST: CSMT पर इस्माइल खान और अजमल कसाब ने AK-47 से गोलीबारी शुरू की। 58 मारे गए, 104 घायल।
- 21:30-21:48 IST: लियोपोल्ड कैफे में 10 लोगों की हत्या।
- 22:20-22:25 IST: वाड़ी बंडर में टैक्सी बम (3 मृत)।
- 22:40 IST: विले पार्ले में दूसरा टैक्सी बम।
- ताज और ओबरॉय होटल में बंधक संकट शुरू।
27-29 नवंबर 2008
- NSG कमांडो पहुंचे; हेमंत करकरे, विजय सालास्कर, अशोक कामते शहीद।
- 28 नवंबर: नरीमन हाउस क्लियर, ओबरॉय क्लियर।
- 29 नवंबर: ताज होटल पर “ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो” समाप्त।
हमलावर: प्रोफाइल और तैयारी
दस हमलावर, सभी 20 के दशक के शुरुआती, पाकिस्तान के पंजाब और अन्य इलाकों से। एकमात्र जिंदा पकड़ा गया: अजमल आमिर कसाब। वे AK-47, RDX, IED, ग्रेनेड से लैस थे। हैंडलर्स: साजिद मीर, मेजर इकबाल (ISI)।
नुकसान और हादसे
- मृत्यु: 166 नागरिक + 9 आतंकवादी
- विदेशी मृतक: अमेरिका (6), इजरायल (4), जर्मनी (3), आदि
- पुलिस शहीद: 15 (हेमंत करकरे, विजय सालास्कर, अशोक कामते सहित)
- NSG शहीद: मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, गजेंद्र सिंह बिष्ट
- आर्थिक नुकसान: $1 बिलियन से अधिक
प्रतिक्रिया और बचाव अभियान
मुंबई पुलिस, NSG, मार्कोस कमांडो ने जान की बाजी लगा दी। मार्कोस कमांडो प्रवीण कुमार तियोतिया ने ताज में 185 जिंदगियां बचाईं। गृह मंत्री शिवराज पाटिल और महाराष्ट्र के कई नेताओं ने इस्तीफा दिया।
जांच और मुकदमे
- अजमल कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी
- डेविड हेडली: 35 साल की सजा (अमेरिका)
- जकीउर रहमान लखवी: 2021 में 15 साल की सजा
- हाफिज सईद: 31 साल की सजा (2022)
परिणाम और दीर्घकालिक प्रभाव
हमलों के बाद NIA का गठन, UAPA संशोधन, तटीय सुरक्षा मजबूत हुई। फिल्में जैसे “होटल मुंबई”, “मेजर” बनीं। हर साल 26 नवंबर को “आतंकवाद विरोधी दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
निष्कर्ष
26/11 मुंबई की आत्मा पर एक काला धब्बा है, लेकिन यह नायकों की कहानी भी है—जिन्होंने अंधेरे में रोशनी जलाए रखी। यह हमें सतर्क रहने, एकजुट होने की सीख देता है। शहीदों को सलाम, पीड़ितों को न्याय। आतंकवाद कभी न जीते, यही हमारा संकल्प।
लेख अंतिम बार अपडेट: 26 नवंबर 2025



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