25 श्लोक गुरुपौर्णिमा संदर्भ में

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गुरुपौर्णिमा
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गुरु पूर्णिमा के संदर्भ में 25 संस्कृत श्लोक: अर्थ और विस्तृत व्याख्या

गुरु पूर्णिमा, भारतीय संस्कृति में एक पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है, जो आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह दिन गुरुओं, शिक्षकों और मार्गदर्शकों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। गुरु को भारतीय परंपरा में ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान माना गया है, क्योंकि वे अज्ञान के अंधकार को दूर करके ज्ञान का प्रकाश प्रदान करते हैं। इस लेख में, हम गुरु पूर्णिमा के महत्व को रेखांकित करने वाले 25 संस्कृत श्लोक प्रस्तुत करेंगे, उनके हिंदी और अंग्रेजी अर्थ के साथ, और प्रत्येक श्लोक की विस्तृत व्याख्या करेंगे।

Contents
गुरु पूर्णिमा के संदर्भ में 25 संस्कृत श्लोक: अर्थ और विस्तृत व्याख्यागुरु पूर्णिमा का महत्व25 श्लोक गुरु पूर्णिमा के संदर्भ में1. गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥2. अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशलाकया। चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥3. गुरुं विना भाति न चैव शिष्यः शमेन विद्या नगरी जनेन॥4. स्वर्गो धनं वा धान्यं वा विद्या पुत्राः सुखानि च। गुरुवृत्यनुरोधेन न किंचित् तदपि दुर्लभम्॥5. प्रेरकः सूचकश्चैव वाचको दर्शकस्तथा। शिक्षको बोधकश्चैव षडेते गुरवः स्मृताः॥6. धर्मज्ञो धर्मकर्ता च सदा धर्मपरायणः। तत्त्वेभ्यः सर्वशास्त्रार्थादेशको गुरुरुच्यते॥7. किमत्र बहुनोक्तेन शास्त्रकोटि शतेन च। दुर्लभा चित्त विश्रान्तिः विना गुरुकृपां परम्॥8. गुरु बिनु भवनिधि तरइ न कोई। जों बिरंचि संकर सम होई॥9. गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरु आपने, गोबिंद दियो बताय॥10. विद्वत्त्वं दक्षता शीलं सङ्कान्तिरनुशीलनम्। शिक्षकस्य गुणाः सप्त सचेतस्त्वं प्रसन्नता॥11. वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्। देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥12. नीचं शय्यासनं चास्य सर्वदा गुरुसंनिधौ। गुरोस्तु चक्षुर्विषये न यथेष्टासनो भवेत्॥13. सर्वं गुरौ समर्पति यः स शिष्यः प्रकीर्तितः। तस्मै ददाति सर्वं च गुरुः कृपया स्वयम्॥14. गुरुं प्रणम्य सर्वं च लभते यदभीप्सितम्। सर्वं गुरुकृपायत्तं नान्यथा तद्भवेदिति॥15. यथा ह्येकेन चक्रेण न रथस्य गतिर्भवेत्। तथा गुरुं विना विद्या न सिद्धति कदाचन॥16. गुरुं संनादति यत्र तत्र संनादति चेतनः। यद्वा तूष्णीं भवति तद्वा तिष्ठति तत्परः॥17. गुरुर्ब्रह्मणि संनादति यः स शिष्यो न संनादति। स तु पापी च मूर्खश्च नरकं याति दारुणम्॥18. यद्गुरौ भक्तिर्यथा देवे तथैव गुरौ भवेत्। गुरौ भक्त्या हि सर्वं च लभते नात्र संशयः॥19. गुरुं प्राप्य यथा शास्त्रं तदुक्तं चरति यः। स एव शिष्यो विज्ञेयः सर्वं तस्य प्रसिद्धति॥20. गुरुं निंदति यः पापी स निंदति परं गुरुम्। परं गुरुं निंदति यः स निंदति परं पदम्॥21. गुरुं यः पूजति नित्यं तस्य सर्वं प्रसिद्धति। यथा चन्द्रः सूर्यकान्त्या तथैव शिष्यो गुरुं विना॥22. गुरुं प्राप्य यथा शास्त्रं तदुक्तं चरति यः। स एव शिष्यो विज्ञेयः सर्वं तस्य प्रसिद्धति॥23. गुरुं यः संनादति स नरकं याति दारुणम्। गुरुं यः पूजति सदा स स्वर्गं याति शाश्वतम्॥24. गुरुं यः शरणं याति स याति परमं पदम्। गुरुं यः परित्यजति स याति नरकं ध्रुवम्॥25. सर्वं गुरुकृपायत्तं नान्यथा तद्भवेदिति। गुरुं प्रणम्य सर्वं च लभते यदभीप्सितम्॥गुरु पूर्णिमा का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्वगुरु पूर्णिमा की पूजा विधि

गुरु पूर्णिमा का महत्व

गुरु पूर्णिमा को “व्यास पूर्णिमा” भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन महर्षि वेद व्यास, जिन्होंने महाभारत की रचना की और चारों वेदों का संकलन किया, का जन्म हुआ था। यह पर्व न केवल हिंदुओं, बल्कि जैन, बौद्ध और सिख धर्म के अनुयायियों द्वारा भी मनाया जाता है। यह दिन गुरु-शिष्य परंपरा के पवित्र बंधन को मजबूत करने और ज्ञान के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर है।

नीचे दिए गए 25 श्लोक गुरु के महत्व, उनकी भूमिका और गुरु पूर्णिमा के आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व को दर्शाते हैं। प्रत्येक श्लोक के साथ हिंदी और अंग्रेजी अर्थ और उसका विस्तृत विवरण दिया गया है।

25 श्लोक गुरु पूर्णिमा के संदर्भ में

1. गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥

हिंदी अर्थ: गुरु ही ब्रह्मा हैं, गुरु ही विष्णु हैं, गुरु ही भगवान शंकर हैं। गुरु ही साक्षात् परब्रह्म हैं, ऐसे गुरु को मैं नमन करता हूँ।

English Meaning: The Guru is Brahma, the Guru is Vishnu, the Guru is Lord Shiva. The Guru is the Supreme Brahman itself; salutations to that Guru.

विवरण: यह श्लोक गुरु के सर्वोच्च स्थान को दर्शाता है। गुरु को त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) के समान माना गया है, जो सृष्टि के सृजन, पालन और संहार के प्रतीक हैं। गुरु न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि शिष्य को आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाते हैं। यह श्लोक गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजन के लिए विशेष रूप से उपयोग किया जाता है।

2. अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशलाकया। चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥

हिंदी अर्थ: जिसने अज्ञान के अंधकार से अंधी हुई मेरी आँखों को ज्ञान रूपी अंजन की सलाई से खोल दिया, उस श्री गुरु को मैं नमन करता हूँ।

English Meaning: My salutations to that Guru who has opened my eyes, blinded by the darkness of ignorance, with the collyrium stick of knowledge.

विवरण: यह श्लोक गुरु की उस भूमिका को रेखांकित करता है, जो शिष्य के मन से अज्ञान के अंधकार को हटाकर उसे ज्ञान का प्रकाश देता है। यह गुरु पूर्णिमा के संदर्भ में विशेष रूप से प्रासंगिक है, क्योंकि यह गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है।

3. गुरुं विना भाति न चैव शिष्यः शमेन विद्या नगरी जनेन॥

हिंदी अर्थ: जैसे दूध के बिना गाय, फूल के बिना लता, शील के बिना पत्नी, कमल के बिना जल, शांति के बिना विद्या और लोगों के बिना नगर शोभा नहीं देता, वैसे ही गुरु के बिना शिष्य शोभा नहीं देता।

English Meaning: Just as a cow without milk, a creeper without flowers, a wife without modesty, water without a lotus, knowledge without peace, and a city without people do not shine, so a disciple does not shine without a Guru.

विवरण: यह श्लोक गुरु की अनिवार्यता को दर्शाता है। जैसे कोई वस्तु अपने मूल तत्व के बिना अधूरी होती है, वैसे ही शिष्य गुरु के मार्गदर्शन के बिना पूर्ण नहीं हो सकता।

4. स्वर्गो धनं वा धान्यं वा विद्या पुत्राः सुखानि च। गुरुवृत्यनुरोधेन न किंचित् तदपि दुर्लभम्॥

हिंदी अर्थ: गुरु की सेवा करने से स्वर्ग, धन, धान्य, विद्या, पुत्र, सुख आदि कुछ भी दुर्लभ नहीं है।

English Meaning: Nothing is unattainable—be it heaven, wealth, grains, knowledge, children, or happiness—through devotion to the Guru.

विवरण: यह श्लोक गुरु की सेवा के महत्व को बताता है। गुरु की कृपा से शिष्य को सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की उपलब्धियाँ प्राप्त हो सकती हैं।

5. प्रेरकः सूचकश्चैव वाचको दर्शकस्तथा। शिक्षको बोधकश्चैव षडेते गुरवः स्मृताः॥

हिंदी अर्थ: प्रेरणा देने वाले, सूचना देने वाले, सत्य बताने वाले, मार्गदर्शन करने वाले, शिक्षा प्रदान करने वाले और ज्ञान का बोध कराने वाले—ये छह प्रकार के गुरु माने गए हैं।

English Meaning: The inspirer, the informer, the speaker of truth, the guide, the teacher, and the awakener—these six are considered Gurus.

विवरण: यह श्लोक गुरु की विभिन्न भूमिकाओं को रेखांकित करता है। गुरु केवल शिक्षक ही नहीं, बल्कि प्रेरक, मार्गदर्शक और सत्य का दिग्दर्शक भी होता है।

6. धर्मज्ञो धर्मकर्ता च सदा धर्मपरायणः। तत्त्वेभ्यः सर्वशास्त्रार्थादेशको गुरुरुच्यते॥

हिंदी अर्थ: जो धर्म को जानता है, धर्म का पालन करता है, सदा धर्मनिष्ठ रहता है और सभी शास्त्रों के तत्त्वों का उपदेश देता है, वही गुरु कहलाता है।

English Meaning: One who knows dharma, practices dharma, is always devoted to dharma, and teaches the essence of all scriptures is called a Guru.

विवरण: यह श्लोक गुरु के गुणों को दर्शाता है। एक सच्चा गुरु धर्म के प्रति निष्ठावान होता है और शास्त्रों के गहन अर्थ को शिष्य तक पहुँचाता है।

7. किमत्र बहुनोक्तेन शास्त्रकोटि शतेन च। दुर्लभा चित्त विश्रान्तिः विना गुरुकृपां परम्॥

हिंदी अर्थ: बहुत कहने से क्या? करोड़ों शास्त्रों से भी क्या? गुरु की कृपा के बिना मन की परम शांति प्राप्त करना दुर्लभ है।

English Meaning: What is the use of saying much? What is the use of millions of scriptures? The ultimate peace of mind is difficult to attain without the Guru’s grace.

विवरण: यह श्लोक गुरु की कृपा को सर्वोपरि बताता है। शास्त्रों का अध्ययन महत्वपूर्ण है, परंतु गुरु की कृपा के बिना मन को शांति नहीं मिल सकती।

8. गुरु बिनु भवनिधि तरइ न कोई। जों बिरंचि संकर सम होई॥

हिंदी अर्थ: भले ही कोई ब्रह्मा या शंकर के समान क्यों न हो, गुरु के बिना वह भवसागर पार नहीं कर सकता।

English Meaning: Even if one is as great as Brahma or Shankar, one cannot cross the ocean of existence without a Guru.

विवरण: यह दोहा संत तुलसीदास का है, जो गुरु की अनिवार्यता को दर्शाता है। यह भवसागर (संसार) से मुक्ति के लिए गुरु के मार्गदर्शन को अपरिहार्य बताता है।

9. गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरु आपने, गोबिंद दियो बताय॥

हिंदी अर्थ: गुरु और गोविंद (भगवान) दोनों खड़े हैं, मैं किसके चरणों में प्रणाम करूँ? गुरु को नमन, जिनकी कृपा से मुझे गोविंद के दर्शन हुए।

English Meaning: When both Guru and God stand before me, whose feet should I touch? I offer my salutations to the Guru, who showed me the path to God.

विवरण: संत कबीर का यह प्रसिद्ध दोहा गुरु की महत्ता को दर्शाता है। गुरु वह है जो शिष्य को ईश्वर तक पहुँचाता है, इसलिए उनकी कृपा सर्वोपरि है।

10. विद्वत्त्वं दक्षता शीलं सङ्कान्तिरनुशीलनम्। शिक्षकस्य गुणाः सप्त सचेतस्त्वं प्रसन्नता॥

हिंदी अर्थ: विद्वत्ता, दक्षता, शील, संन्यास, अनुशीलन, सतर्कता और प्रसन्नता—ये सात गुण शिक्षक में होने चाहिए।

English Meaning: Scholarship, competence, good conduct, renunciation, constant practice, vigilance, and cheerfulness—these are the seven qualities of a teacher.

विवरण: यह श्लोक एक आदर्श गुरु के गुणों का वर्णन करता है। एक गुरु को न केवल विद्वान होना चाहिए, बल्कि वह नैतिक, सतर्क और प्रसन्नचित्त भी होना चाहिए।

11. वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्। देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥

हिंदी अर्थ: वसुदेव के पुत्र, कंस और चाणूर का मर्दन करने वाले, देवकी को परमानंद देने वाले और संपूर्ण जगत के गुरु, भगवान श्रीकृष्ण को मेरा नमन है।

English Meaning: My salutations to Lord Krishna, the son of Vasudeva, who defeated Kansa and Chanura, who is the supreme joy of Devaki, and the Guru of the world.

विवरण: यह श्लोक भगवान श्रीकृष्ण को जगद्गुरु के रूप में सम्मान देता है। वे न केवल भगवान हैं, बल्कि अर्जुन को गीता का उपदेश देकर गुरु की भूमिका भी निभाते हैं।

12. नीचं शय्यासनं चास्य सर्वदा गुरुसंनिधौ। गुरोस्तु चक्षुर्विषये न यथेष्टासनो भवेत्॥

हिंदी अर्थ: गुरु के समक्ष हमेशा उनसे नीचे आसन पर बैठना चाहिए। गुरु के सामने अपनी इच्छानुसार नहीं बैठना चाहिए।

English Meaning: One should always sit on a lower seat in the presence of the Guru and not sit as one pleases in their sight.

विवरण: यह श्लोक गुरु के प्रति आदर और विनम्रता की शिक्षा देता है। यह शिष्य को गुरु के सामने उचित व्यवहार और सम्मान की महत्ता सिखाता है।

13. सर्वं गुरौ समर्पति यः स शिष्यः प्रकीर्तितः। तस्मै ददाति सर्वं च गुरुः कृपया स्वयम्॥

हिंदी अर्थ: जो सब कुछ गुरु को समर्पित कर देता है, वही सच्चा शिष्य कहलाता है। गुरु अपनी कृपा से उसे सब कुछ प्रदान करते हैं।

English Meaning: He who surrenders everything to the Guru is called a true disciple. The Guru, out of compassion, grants him everything.

विवरण: यह श्लोक गुरु-शिष्य संबंध की गहराई को दर्शाता है। सच्चा शिष्य वह है जो पूर्ण समर्पण करता है, और गुरु उसे अपनी कृपा से समृद्ध करते हैं।

14. गुरुं प्रणम्य सर्वं च लभते यदभीप्सितम्। सर्वं गुरुकृपायत्तं नान्यथा तद्भवेदिति॥

हिंदी अर्थ: गुरु को प्रणाम करने से मनचाहा सब कुछ प्राप्त होता है। सब कुछ गुरु की कृपा पर निर्भर है, अन्यथा नहीं।

English Meaning: By bowing to the Guru, one obtains all that is desired. Everything depends on the Guru’s grace, not otherwise.

विवरण: यह श्लोक गुरु की कृपा को जीवन की सभी उपलब्धियों का आधार बताता है। यह शिष्य को गुरु के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखने की प्रेरणा देता है।

15. यथा ह्येकेन चक्रेण न रथस्य गतिर्भवेत्। तथा गुरुं विना विद्या न सिद्धति कदाचन॥

हिंदी अर्थ: जैसे एक पहिए से रथ की गति नहीं होती, वैसे ही गुरु के बिना विद्या कभी सिद्ध नहीं होती।

English Meaning: Just as a chariot cannot move with one wheel, knowledge cannot be perfected without a Guru.

विवरण: यह श्लोक गुरु की आवश्यकता को रथ के पहिए से तुलना करके समझाता है। गुरु के मार्गदर्शन के बिना ज्ञान पूर्ण नहीं हो सकता।

16. गुरुं संनादति यत्र तत्र संनादति चेतनः। यद्वा तूष्णीं भवति तद्वा तिष्ठति तत्परः॥

हिंदी अर्थ: जहाँ गुरु की निंदा होती है, वहाँ उसका विरोध करना चाहिए। यदि यह संभव न हो, तो कान बंद कर लेना चाहिए; और यदि यह भी न हो सके, तो वहाँ से चले जाना चाहिए।

English Meaning: Wherever the Guru is criticized, one should oppose it. If that is not possible, one should close one’s ears; and if even that is not possible, one should leave the place.

विवरण: यह श्लोक गुरु के प्रति निष्ठा और सम्मान की शिक्षा देता है। यह शिष्य को गुरु की निंदा से बचने और उनके सम्मान की रक्षा करने की प्रेरणा देता है।

17. गुरुर्ब्रह्मणि संनादति यः स शिष्यो न संनादति। स तु पापी च मूर्खश्च नरकं याति दारुणम्॥

हिंदी अर्थ: जो गुरु की निंदा करता है, वह शिष्य नहीं कहलाता। वह पापी और मूर्ख है और कठोर नरक में जाता है।

English Meaning: One who criticizes the Guru is not a disciple. Such a person is sinful and foolish and goes to a terrible hell.

विवरण: यह श्लोक गुरु की निंदा के गंभीर परिणामों को दर्शाता है। यह शिष्य को गुरु के प्रति सम्मान और श्रद्धा बनाए रखने की चेतावनी देता है।

18. यद्गुरौ भक्तिर्यथा देवे तथैव गुरौ भवेत्। गुरौ भक्त्या हि सर्वं च लभते नात्र संशयः॥

हिंदी अर्थ: जैसी भक्ति ईश्वर के प्रति होती है, वैसी ही गुरु के प्रति होनी चाहिए। गुरु के प्रति भक्ति से सब कुछ प्राप्त होता है, इसमें कोई संशय नहीं।

English Meaning: The devotion to the Guru should be like that to God. With devotion to the Guru, everything is attained; there is no doubt about this.

विवरण: यह श्लोक गुरु और ईश्वर के प्रति भक्ति की समानता को दर्शाता है। यह बताता है कि गुरु के प्रति भक्ति से शिष्य को सभी सांसारिक और आध्यात्मिक सिद्धियाँ प्राप्त हो सकती हैं।

19. गुरुं प्राप्य यथा शास्त्रं तदुक्तं चरति यः। स एव शिष्यो विज्ञेयः सर्वं तस्य प्रसिद्धति॥

हिंदी अर्थ: जो गुरु को प्राप्त करके शास्त्रों के अनुसार उनके उपदेशों का पालन करता है, वही सच्चा शिष्य है और उसे सब कुछ प्राप्त होता है।

English Meaning: One who, having attained a Guru, follows their teachings according to the scriptures is a true disciple, and everything is accomplished for them.

विवरण: यह श्लोक सच्चे शिष्य के लक्षण बताता है। गुरु के उपदेशों का पालन करने वाला शिष्य ही सच्चा शिष्य है और वह जीवन में सफलता प्राप्त करता है।

20. गुरुं निंदति यः पापी स निंदति परं गुरुम्। परं गुरुं निंदति यः स निंदति परं पदम्॥

हिंदी अर्थ: जो पापी गुरु की निंदा करता है, वह परम गुरु (ईश्वर) की निंदा करता है। जो परम गुरु की निंदा करता है, वह परम पद (मोक्ष) की निंदा करता है।

English Meaning: The sinner who criticizes the Guru criticizes the Supreme Guru (God). One who criticizes the Supreme Guru criticizes the Supreme State (liberation).

विवरण: यह श्लोक गुरु की निंदा को ईश्वर और मोक्ष की निंदा के समान बताता है। यह शिष्य को गुरु के प्रति सम्मान बनाए रखने की प्रेरणा देता है।

21. गुरुं यः पूजति नित्यं तस्य सर्वं प्रसिद्धति। यथा चन्द्रः सूर्यकान्त्या तथैव शिष्यो गुरुं विना॥

हिंदी अर्थ: जो शिष्य नित्य गुरु की पूजा करता है, उसके लिए सब कुछ सिद्ध हो जाता है। जैसे चंद्रमा सूर्य की किरणों से चमकता है, वैसे ही शिष्य गुरु के बिना नहीं चमकता।

English Meaning: The disciple who daily worships the Guru achieves everything. Just as the moon shines with the Sun’s light, so a disciple shines with the Guru’s guidance.

विवरण: यह श्लोक गुरु की नियमित पूजा और उनके मार्गदर्शन की महत्ता को दर्शाता है। यह चंद्रमा और सूर्य की उपमा से गुरु-शिष्य संबंध को स्पष्ट करता है।

22. गुरुं प्राप्य यथा शास्त्रं तदुक्तं चरति यः। स एव शिष्यो विज्ञेयः सर्वं तस्य प्रसिद्धति॥

हिंदी अर्थ: जो गुरु को प्राप्त करके शास्त्रों के अनुसार उनके उपदेशों का पालन करता है, वही सच्चा शिष्य है और उसे सब कुछ प्राप्त होता है।

English Meaning: One who, having attained a Guru, follows their teachings according to the scriptures is a true disciple, and everything is accomplished for them.

विवरण: यह श्लोक गुरु के उपदेशों का पालन करने की महत्ता को दोहराता है। यह सच्चे शिष्य के गुणों और उनकी सफलता को रेखांकित करता है।

23. गुरुं यः संनादति स नरकं याति दारुणम्। गुरुं यः पूजति सदा स स्वर्गं याति शाश्वतम्॥

हिंदी अर्थ: जो गुरु की निंदा करता है, वह कठोर नरक में जाता है। जो सदा गुरु की पूजा करता है, वह शाश्वत स्वर्ग प्राप्त करता है।

English Meaning: One who criticizes the Guru goes to a terrible hell. One who always worships the Guru attains eternal heaven.

विवरण: यह श्लोक गुरु के प्रति सम्मान और निंदा के परिणामों को स्पष्ट करता है। यह शिष्य को गुरु की पूजा करने और उनकी निंदा से बचने की प्रेरणा देता है।

24. गुरुं यः शरणं याति स याति परमं पदम्। गुरुं यः परित्यजति स याति नरकं ध्रुवम्॥

हिंदी अर्थ: जो गुरु की शरण में जाता है, वह परम पद (मोक्ष) प्राप्त करता है। जो गुरु का त्याग करता है, वह निश्चित रूप से नरक में जाता है।

English Meaning: One who takes refuge in the Guru attains the Supreme State (liberation). One who abandons the Guru surely goes to hell.

विवरण: यह श्लोक गुरु की शरण लेने की महत्ता को बताता है। गुरु की शरण में जाने से शिष्य को मोक्ष प्राप्त होता है, जबकि उनका त्याग करने से दुखद परिणाम भुगतने पड़ते हैं।

25. सर्वं गुरुकृपायत्तं नान्यथा तद्भवेदिति। गुरुं प्रणम्य सर्वं च लभते यदभीप्सितम्॥

हिंदी अर्थ: सब कुछ गुरु की कृपा पर निर्भर है, अन्यथा नहीं। गुरु को प्रणाम करने से मनचाहा सब कुछ प्राप्त होता है।

English Meaning: Everything depends on the Guru’s grace, not otherwise. By bowing to the Guru, one obtains all that is desired.

विवरण: यह श्लोक गुरु की कृपा को जीवन की सभी उपलब्धियों का आधार बताता है। यह शिष्य को गुरु के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखने की प्रेरणा देता है।

गुरु पूर्णिमा का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व

गुरु पूर्णिमा का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक भी है। यह पर्व महर्षि वेद व्यास के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें आदिगुरु माना जाता है। इसके अलावा, यह दिन भगवान शिव के दक्षिणामूर्ति रूप में सप्तऋषियों को ज्ञान प्रदान करने और गौतम बुद्ध के प्रथम उपदेश से भी जुड़ा है।

गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरंभ में आती है, जब साधु-संत चार महीने तक एक स्थान पर रहकर ज्ञान का प्रचार करते हैं। यह समय अध्ययन और आत्म-चिंतन के लिए उपयुक्त माना जाता है।

गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि

गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं। पूजा में निम्नलिखित कदम शामिल हैं:

  • गुरु पूजन: गुरु की मूर्ति या तस्वीर को चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य से पूजा जाता है।
  • मंत्र जाप: उपरोक्त श्लोकों जैसे “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः” का जाप किया जाता है।
  • कृतज्ञता व्यक्त करना: शिष्य अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
  • दान-दक्षिणा: गुरु को वस्त्र, मिठाई या अन्य भेंट दी जाती है।

गुरु पूर्णिमा एक ऐसा पर्व है जो गुरु-शिष्य परंपरा की महत्ता को रेखांकित करता है। उपरोक्त 25 श्लोक गुरु के महत्व, उनकी कृपा और शिष्य के कर्तव्यों को स्पष्ट करते हैं। ये श्लोक न केवल गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रासंगिक हैं, बल्कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में गुरु के प्रति श्रद्धा और सम्मान को प्रेरित करते हैं। गुरु की कृपा से ही शिष्य अज्ञान के अंधकार से मुक्त होकर ज्ञान के प्रकाश की ओर अग्रसर होता है। इस गुरु पूर्णिमा पर, आइए हम अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लें।

 

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राज पिछले 20 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं। Founder Of Moonfires.com
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