सुबह की शुभकामनायें संस्कृत में |
Good Morning in Sanskrit ( सुप्रभात संस्कृत श्लोक ) Message in Sanskrit with Hindi Meaning.
सुप्रभात संस्कृत श्लोक
कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।
करमूले स्थिते गौरी प्रभाते करदर्शनम्।।
हथेली के सबसे आगे भाग में लक्ष्मी जी, बीच भाग में सरस्वती जी, व मूल भाग में गौरी जी का निवास होता है। इसलिए सुबह – सुबह दोनों हथेलियों के दर्शन करना चाहिए।
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने।
देहश्चितायां परलोकमार्गे कर्मोनुगो गच्छति जीव एकः।।
धन भूमि पर, पशु गोष्ठ में, पत्नी घर में, सम्बन्धी श्मशान में और शरीर चिता पर रह जाता है। केवल कर्म ही है, जो परलोक के मार्ग पर साथ-साथ आता है।
आरोप्यते शिला शैले यथा यत्नेन भूयसा।
निपात्यते सुखेनाधस्तथात्मा गुणदोषयोः।।
जैसे किसी पत्थर को बड़े कष्ट से पहाड़ के ऊपर पहुँचाया जाता है, पर बड़ी आसानी से वह नीचे गिर जाता है, वैसे ही हम भी अपने गुणों के कारण ऊँचे उठते है, लेकिन हम एक ही दुष्कर्म से आसानी से गिर सकते है।
विद्या विवादाय धनं मदाय शक्तिः परेषां परिपीडनाय।
खलस्य साधोर् विपरीतमेतद् ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय।
दुर्जन की विद्या हमेशा विवाद करने के लिये, धन उन्माद के लिये, व शक्ति दूसरों का दमन करने के लिये होती है। वही सज्जन इसी को ज्ञान, दान, और दूसरों के रक्षण के लिये उपयोग करते है।
मा कुरु धनजनयौवनगर्वं हरति निमेषात्कालः सर्वम्।
मायामयमिदमखिलं हित्वा ब्रह्मपदं त्वं प्रविश विदित्वा।।
धन, जन, और यौवन पर घमण्ड मत करो.. समय इन्हें पल में छीन लेता है। इस माया को छोड़ कर इस ज्ञान से ब्रह्मपद में प्रवेश करो।
विवादो धनसम्बन्धो याचनं चातिभाषणम्।
आदानमग्रतः स्थानं मैत्रीभङ्गस्य हेतवः।।
वाद-विवाद करना, धन के लिये सम्बन्ध बनाना, माँगना, अधिक बोलना, ऋण लेना, आगे निकलने की चाह रखना यह सब मित्रता के टूटने में कारण बनते हैं।
यस्य कृत्यं न विघ्नन्ति शीतमुष्णं भयं रति।
समृध्दिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते।।
जिसका कार्य कभी ठण्ड, ताप, भय, प्रेम, समृद्धि या अभाव से बाधित नहीं होता केवल वही वास्तव में श्रेष्ठ है।
यदि सन्ति गुनाः पुंसां विकसन्त्येव ते स्वयम्।
नहि कस्तुरिकामोदः शपथेन विभाव्यते॥
जैसे कस्तूरी की खुशबू छिपाई नहीं जा सकती, उसी तरह किसी व्यक्ति के अच्छे गुण छिपाए नहीं जा सकते।
वाणी रसवती यस्थ, यस्य श्रमवती क्रिया ।
लक्ष्मी : दानवती यस्य, सफलं तस्य नीवितं ।।
जिस मनुष्य की वाणी मीठी होती है, जिसका अपने कार्य में परिश्रम करता है, जिसका धन दान करने में प्रयुक्त होता है, उसका जीवन सफल है।
न कालमतिवर्तन्ते महान्तः स्वेषु कर्मसु।
जीवेषु करुणा चापि मैत्री तेषु विधीयताम्।
महान लोग अपने काम को करने के लिए किसी ख़ास समय का इन्तजार नहीं करते। जीवों से करुणा एवं मैत्री करिए।
स्वस्मै स्वल्पं समाजाय सर्वस्वं।
परमाणु परममहत्त्वान्तोऽस्य वशीकारः।
अपने लिए थोड़ा और समाज के लिए सब कुछ। चित्त के शांत होने पर अणु से लेकर सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड तक की समझ उत्पन्न होती है।
लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु।
आच्छादने दोषवृध्दि ख्यापने तु लयो भवेत्।
इस संसार में सभी लोग सुखी रहे, दोष छुपाने से बढ़ता है और प्रकट करने से समाप्त होता है।
आलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम्।
अधनस्य कुतो मित्रम्, अमित्रस्य कुत: सुखम्।।
आलसी को विद्या कहाँ, अनपढ़ को धन कहाँ, निर्धन को मित्र कहाँ व अमित्र को सुख कहाँ मिलती है।
संस्कृत भाषा, जिसे देवनागरी लिपि में लिखा जाता है, भारत की एक प्राचीन भाषा है। यह भाषा हजारों वर्षों से भारत में बोली और लिखी जा रही है और इसे भारत की शास्त्रीय भाषा माना जाता है। संस्कृत भाषा का भारत के इतिहास और संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।
संस्कृत भाषा के कुछ प्रमुख विशेषताएं:
- व्याकरण: संस्कृत भाषा का व्याकरण बहुत ही नियमित और व्यवस्थित है। इसमें 14 स्वर और 33 व्यंजन होते हैं।
- शब्दावली: संस्कृत भाषा में बहुत समृद्ध शब्दावली है। इसमें कई ऐसे शब्द हैं जो अन्य भाषाओं में नहीं पाए जाते हैं।
- साहित्य: संस्कृत भाषा में बहुत समृद्ध साहित्य है। इसमें वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत, और अन्य कई ग्रंथ शामिल हैं।
- प्रभाव: संस्कृत भाषा का भारत और विश्व की कई भाषाओं पर बहुत प्रभाव है।
संस्कृत भाषा सीखने के कुछ फायदे:
- मानसिक क्षमता में वृद्धि: संस्कृत भाषा सीखने से स्मरण शक्ति, एकाग्रता, और सोचने की क्षमता में वृद्धि होती है।
- अन्य भाषाओं को सीखना आसान: संस्कृत भाषा सीखने से हिंदी, बंगाली, मराठी, और अन्य कई भारतीय भाषाओं को सीखना आसान हो जाता है।
- भारतीय संस्कृति को समझना: संस्कृत भाषा सीखने से भारतीय संस्कृति और इतिहास को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है।
संस्कृत भाषा सीखने के लिए कुछ संसाधन:
- संस्कृत भाषा की किताबें: संस्कृत भाषा सीखने के लिए कई किताबें उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ किताबें शुरुआती लोगों के लिए हैं, जबकि कुछ किताबें अधिक उन्नत लोगों के लिए हैं।
- संस्कृत भाषा के ऑनलाइन कोर्स: कई ऑनलाइन कोर्स भी उपलब्ध हैं जो आपको संस्कृत भाषा सीखने में मदद कर सकते हैं।
- संस्कृत भाषा के ऐप्स: कई ऐप्स भी उपलब्ध हैं जो आपको संस्कृत भाषा सीखने में मदद कर सकते हैं।
संस्कृत भाषा सीखने के लिए कुछ टिप्स:
- नियमित रूप से अभ्यास करें: संस्कृत भाषा सीखने के लिए नियमित रूप से अभ्यास करना बहुत महत्वपूर्ण है।
- धैर्य रखें: संस्कृत भाषा सीखने में समय लगता है। इसलिए, धैर्य रखें और निराश न हों।
- मज़े करें: संस्कृत भाषा सीखने को मज़ेदार बनाएं।
संस्कृत भाषा एक बहुत ही सुंदर और समृद्ध भाषा है। यदि आप इसे सीखने में रुचि रखते हैं, तो कई संसाधन उपलब्ध हैं जो आपको इसे सीखने में मदद कर सकते हैं।
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